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bookmark_borderसपने अवश्य देखें

सपने अवश्य देखें

हम सभी सपने देखने के आदी हैं | अक्सर हम सभी बातें करते हैं – हम ऐसा कर सकते हैं, हम वहाँ पहुँच सकते हैं, अमुक कार्य केवल हम ही पूर्ण कर सकते हैं, हम इस कार्य में तो सफल होंगे ही होंगे, हम इतना कुछ बदल सकते हैं… इत्यादि इत्यादि…

लेकिन केवल बातें करने भर से काम नहीं चला करता | सपने देखना अच्छी बात है जीवन में आगे बढ़ने के लिए | जो व्यक्ति सपना ही नहीं देखेगा वह कोई भी दिशा अपने लिए कैसे निर्धारित कर सकता है ? लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना भी अत्यन्त आवश्यक है…

सबसे पहले तो इच्छाशक्ति में दृढ़ता अत्यन्त आवश्यक है | हमने सोच तो लिया कि हम अमुक कार्य करना चाहते हैं, मन ही मन उसके पूर्ण होने की कल्पना से आनन्दित भी हो जाते हैं | लेकिन इतने भर से कार्य सम्पन्न नहीं हो जाता | हमें अपने मन में संकल्प लेना होगा कि चाहे जो हो जाए – अमुक कार्य को तो हमें पूरा करना ही है | जब इच्छाशक्ति में इस प्रकार की दृढ़ता होगी तभी हम उस कार्य को सम्पन्न करने में जी जान से जुटने का भी साहस दिखा सकते हैं, अन्यथा तो लाभ-हानि सफलता-असफलता का सोचकर या तो कार्य आरम्भ ही नहीं करेंगे, और यदि कर भी लिया तो उसे पूर्ण नहीं कर पाएँगे और निराश होकर बीच में ही छोड़ बैठेंगे |

Dr. Purnima Sharma
Dr. Purnima Sharma

कार्य को करने का साहस भी हमारे संकल्प से ही आता है | और दृढ़ इच्छाशक्ति तथा साहस मिलकर हमारे आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं | यदि इच्छाशक्ति यानी संकल्प शक्ति में दृढ़ता नहीं है, साहस और आत्मविश्वास में कमी है तो सारे सपने शेखचिल्ली के सपने बनकर रह जाते हैं |

जब हमारी इच्छाशक्ति दृढ़ हो जाए, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि हो जाए तब अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित्त होकर प्रयास आरम्भ कर देना चाहिए | जिसकी सबसे पहली सीढ़ी है उस कार्य के लिए कुशलता प्राप्त करना | हमें उस कार्य का ज्ञान हो सकता है क्योंकि हमने उसकी शिक्षा ली है, किन्तु जब तक पूर्ण कुशलता नहीं होगी तब तक कार्य में सफलता प्राप्त होने में सन्देह ही रहेगा | कुशलता के साथ ही उचित दिशा में प्रयास किया जा सकता है, अन्यथा अँधेरे में तीर मारने से कुछ हासिल नहीं होता |

इस सबके साथ ही कठोर परिश्रम भी आवश्यक है, क्योंकि परिश्रम किये बिना यदि कुछ प्राप्त हो जाता है तो उसके महत्त्व की उपेक्षा करना मानव का स्वभाव होता है | परिश्रम करके जब लक्ष्य सिद्ध हो जाता है तो एक तो अपार आनन्द की अनुभूति होती है, स्वयं पर गर्व का अनुभव होता है, और इतने अथक परिश्रम के बाद जो प्राप्त किया है उसे बनाए रखने तथा और कुछ अन्य नया करने का संकल्प दृढ़ होता जाता है…

तो, सपने अवश्य देखिये, सपने देखना मत छोड़िये… क्योंकि सपने ही सच होते हैं… लेकिन इतना ध्यान रखिये कि वे दिवास्वप्न या शेख़चिल्ली के सपने बनकर न रह जाएँ…

डॉ पूर्णिमा शर्मा

 

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Routine and lifestyle

Dr. Purnima Sharma
Dr. Purnima Sharma

दिनचर्या और जीवन शैली

गत सात दिसम्बर को WOW India की ओर से Lifestyle diseases यानी एक अननुशासित दिनचर्या के कारण होने वाली बीमारियों पर चर्चा के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया | आयोजन सफल रहा | लेकिन उसके बाद जब हमने रिपोर्ट पोस्ट की तो कुछ लोगों ने बात की कि आज के समय में जो लोग Working हैं, यानी कहीं नौकरी आदि करते हैं उनके लिए किसी भी दिनचर्या और जीवन शैली का पूरी शिद्दत से पालन करना असम्भव हो जाता है उनके कार्यभार और समय के अभाव के कारण | उनकी बात से हम सहमत हैं – बहुत से लोगों को – महिलाओं को भी और पुरुषों को भी – कई बार ऐसी नौकरी होती है जहाँ उन्हें शिफ्ट ड्यूटी करनी पड़ती है – कभी दिन की तो कभी रात की | इसलिए ऐसे लोगों का प्रश्न बिल्कुल सही है कि कैसे एक अनुशासित दिनचर्या और एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाया जा सकता है ?Read More

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कल 18 नवम्बर का दिन WOW India के सदस्यों के लिए बहुत उत्साहपूर्ण और आनन्ददायक रहा | परम पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी के निमन्त्रण पर WOW India की President डॉ लक्ष्मी और Secretary General डॉ पूर्णिमा शर्मा के साथ Vice President बानू बंसल, सरिता रस्तोगी, Cultural Secretary लीना जैन, सुनन्दा
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