By Dr. Purnima Sharma, Secretary General WOW India
अभी श्राद्ध पर्व चल रहे हैं, और 3 अक्टूबर से भगवती की उपासना के पर्व नवरात्र आरम्भ हो जाएँगे जब डाण्डिया और गरबा की धूम रहेगी | इसी को ध्यान में रखते हुए 21 सितम्बर को WOW India द्वारा IPEX भवन, पटपड़गंज में डाण्डिया का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे कथक के लखनऊ घराने के गुरु श्री सतीश शुक्ला जी, जो पद्मभूषण पण्डित बिरजू महाराज जी के भाँजे हैं और उनकी परम्परा यानी कालिका–बिन्दादीन घराने की नृत्य परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य सपरिवार कर रहे हैं | श्री सतीश शुक्ला के हम हृदय से आभारी हैं कि उन्होंने अपने व्यस्त समय में से समय निकाल कर न केवल सपरिवार कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई बल्कि अपनी दो शिष्याओं की नृत्य प्रस्तुति भी कराई |कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि का सम्मान किया गया तथा मुख्य अतिथि और WOW India की Chairperson डा शारदा जैन ने दर्शकों को सम्बोधित किया | उसके बाद विधिवत कार्यक्रम का आरम्भ हुआ |
कार्यक्रम का आरम्भ भी श्री शुक्ला जी की दो शिष्याओं सुश्री इशिका नेगी और काजल अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत माँ वाणी के वन्दन के साथ हुआ | नृत्यांगनाओं के साथ तबले पर स्वयं उनके गुरु श्री शुक्ला जी ने संगत की – जो किसी भी कलाकार के लिए गर्व का विषय होता है कि गुरु स्वयं संगत करे | साथ ही वॉयलिन पर साथ दिया जनाब अफ़ज़ाल ज़ुहूर अहमद ने – जो ख़ुद वॉयलिन के दिल्ली घराने के उस्ताद ज़ुहूर अहमद ख़ान साहब के सुपुत्र हैं | श्री करण कुमार ने पढ़न्त किया और शुक्ला जी की धर्मपत्नी श्रीमती रीना शुक्ला तथा उनकी सुपुत्री सुश्री रागेश्वरी शुक्ला ने गायन में साथ दिया | श्रीमती रीना शुक्ला जी स्वयं बनारस घराने के ठुमरी सम्राट पण्डित महादेव प्रसाद जी की सुपुत्री हैं | सरस्वती वन्दना ने वास्तव में दर्शकों को एक प्रकार से सम्मोहित सा कर दिया था |
इसके बाद प्रस्तुति थी सदा की भाँति WOW India की Governing Body के सदस्यों उल्लास और उत्साहपूर्ण गरबा/डाण्डिया की, जिसमें भाग लिया डा शारदा जैन, श्रीमती बानू बंसल, श्रीमती लीना जैन, डा रूबी बंसल, डा दीपिका कोहली, डा रश्मि अग्रवाल, डा प्रिया आर्या, डा इंदु त्यागी, श्रीमती सरिता रस्तोगी और सुश्री अर्चना ने | अत्यन्त भव्य नृत्य को Choreograph किया था सुश्री अर्चना ने |
इसके बाद समय था WOW India की कुछ Branches की Performances का… IPEX ब्रांच की ओर से श्रीमती रचना सरीन और साथियों ने, इन्द्रप्रस्थ ब्रांच की ओर से श्रीमती पूजा भारद्वाज और उनकी सखियों ने तथा डॉक्टर्स की ब्रांच की ओर से डा आभा शर्मा और डा मंजु बारिक तथा उनकी सखियों ने बहुत सुन्दर डाण्डिया/गरबा नृत्य प्रस्तुत किए |
कार्यक्रम के अन्त में इस वर्ष की सबसे अधिक प्रभावशाली नृत्य प्रस्तुति थी – महिषासुरमर्दिनी – जिसका Concept और Choreography थी संस्था की Cultural Secretary और कार्यक्रम की Host श्रीमती लीना की, महिषासुर की भूमिका में स्वयं लीना जैन और महिषासुरमर्दिनी माँ भगवती की भूमिका में संस्था की Joint Secretary डा दीपिका कोहली ने अपने रूप और अभिनय से भूमिका को जीवन्त बना दिया |
श्री सतीश शुक्ला जी की शिष्याओं सुश्री इशिता नेगी और सुश्री काजल अग्रवाल तथा श्री करण कुमार को संस्था की ओर से स्मृति चिह्न तथा Participation Certificats देकर सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर DGF की ओर से WOW India की Senior Vice President और एक कर्मठ सदस्य श्रीमती बानू बंसल जी को उनके Hard and Dedicated कार्य के लिए Life Time Achievement Award से सम्मानित किया गया… जिसके लिए संस्था को बानू जी पर गर्व है और उन्हें बधाई के साथ ही DGF को संस्था की ओर से हार्दिक धन्यवाद भी |
कार्यक्रम से पूर्ण स्वादिष्ट Lunch भी रखा गया था तथा कुछ Stalls भी लगाए गए थे | कार्यक्रम में संस्था के सदस्य बड़ी तादाद में उपस्थित थे और दो दिनों तक हमारे पास बहुत सारे सदस्यों के फ़ोन आते रहे कार्यक्रम की प्रशंसा के लिए… बानगी के लिए कुछ फ़ोटोग्राफ़्स यहाँ अपलोड कर रहे हैं…
हम बहुत शीघ्र कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी यू ट्यूब पर अपलोड करेंगे…
Viramya Mishra is a student from Dehradun. Recently she wrote two lovely poems and sent to me. I personally appreciate her writing skills, that’s why here I am publishing those poems. Dr. Purnima Sharma, Secretary General WOW India & Editor of WOW web
Hello everyone… my grandparents live in Rishikesh. A few days back I went to meet them. When I came
back from there, I wrote two poems, which I am sharing with you… Viramya Mishra, Dehradun
Some articles – some little and easy tips on a Balanced & Nutritious Diet by the doctors of WOW India & DGF, must read…
It is never too late ti correct one self
💯% you can do it !
Correct BMI is less than 23 ..
My weight us 65 with 5.4 ht at 70+
❤️
We need diet between 1000-1500 calories.
70 % should be salad & fruits & sprouts .
Veg 🥗 proteins
Ye chahiye
❤️🥦🥒🥗🥦🥒🥗
😂😂😂😂😂😂😂
💯% stress free
Minus negative emotions …which bring at this stage cancers ❤️
🆓🆓🆓🆓🆓 yourself of negative emotion
🥰 bhool jawo …log kya kahenge.
Believe in giving & not grabbing
❤️
by Dr. Sharda Jain
Few more things to add-
Exercises to be more weight bearing- so as to help muscle mass gain
Fats& carbs to be reduced to minimum, as its already abundently stored fromall past years just to decrease chances of heart attack, stroke, type2 diabetes, difficult breathing etc.
Add more of curd, cheese, sprouts of moong dalas they can be easily digested& r part of stem cell like complete resource
Take seasonal fruits, more of salads, semi cooked vegetables.
If u like carbs, then consume, complex carbs, the more coarse the better, the finer , the worst- maida worst
Average5:5 height weight can be 55 kg approx abdominal girth should be less than pelvis- reverse will cause difficult breathing , heart problems- chronic disease
by Dr. Chaturvedi
Diet full of macro and micro nutrients, Exercise, meditation, calories, plenty of fluids , everything has been already explained by Madam Dr Sharda Jain 🙏🙏
Do not take tea /coffee along with food
Try to add mota anaj, i.e. millets in your diet🙏🙏🌿🌱💚🙏🙏
by Dr. Chander Lata
सभी मित्रों को स्नेहिल नमस्ते 🙏🏻🙏🏻
62+ पर अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने खान-पान में बहुत ज्यादा complexities लाने की आवश्यकता नहीं होती है।
*पानी कम से कम आठ ग्लास
*भोजन में फाइबर की मात्रा अधिक ( फलों और सब्जियों -सलाद में)
*कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम
*वसा/चिकनाई, नमक, चीनी बहुत कम
सबसे ज़रूरी है ……जो भी ग्रहण करें, ईश्वर का प्रसाद समझकर लें, आनंदित मन से लें, आराम से खाएं। इसके लिए परमात्मा को धन्यवाद कहना कभी न भूलें।
बहुत जरूरी…
थाली में खाना उतना ही लें, जितनी आप की आवश्यकता है।
कल WOW India के पटल पर जागरूकता के विषय में कुछ लिखा जाना था | इस अवसर पर संस्था की Senior Vice President श्रीमती बानू बंसल ने एक कहानी लिखी, अच्छी लगी इसलिए आप सबके पढ़ने के लिए यहाँ पोस्ट कर रहे हैं… डॉ पूर्णिमा शर्मा
स्नेहा पार्क में है | उसका रोज़ का शाम का समय पार्क में बीतता है | आज मौसम कुछ अच्छा है | कई दिन से बहुत गर्मी थी लेकिन आज दिन में दो घंटे बारिश हो जाने से अब अच्छा लग रहा था |
उनकी मित्र मंडली अभी नहीं आयी थी | कुछ बच्चे खेल रहे थे | पास से जाने वाले बच्चे हो या बड़े, उनको नमस्ते करते हुए जाते |
पास की झुग्गी बस्ती के बच्चों को पढ़ाती और क्राफ्ट सिखाती थी | आने वाले सब उनको पहचानते थे |
जब वो अपने बेटा बहू के पास रहने आयी तो नये माहौल में उनका मन नहीं लग रहा था तो उनकी बहु शाम को उनको पार्क ले कर आयी और उनका परिचय वहाँ आने वाली महिलाओं से करवा दिया | धीरे धीरे वह उनसे परिचित हो गई थी |
उनके मन में विचार आया की पास की बस्ती के बच्चों के लिये काम करना चाहिए, और वो शाम के समय उन बच्चों को पढ़ना लिखना और क्राफ्ट सिखाने लगी | समय समय पर हेल्थ चेकअप कैम्प भी करवाती थी | उनकी महिला मित्र भी बढ़ चढ़ कर कार्य करती | बच्चे भी बड़ी संख्या में आने लगे थे | अब वह उनको सफ़ाई का महत्व भी बताती |
अब उनको लगने लगा था की बच्चों को अब स्कूल की आवश्यकता है और अब वो स्कूल के लिए प्रयत्न करने लगी |
अपने क्षेत्र के विधायक और मंत्री जी से मिल कर बच्चों के भविष्य के लिए कार्य करने लगी | समय लगा लेकिन सफलता मिली और स्कूल का शुभारंभ हो गया |
बच्चों के लिए देखा उनकी आँखों का सपना साकार हो गया | क्योंकि शिक्षा हर बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार है |
समाज को जागरूक करने के लिए इस प्रकार के सपने देखना और उनके प्रति स्वयं भी जागरूक होना आवश्यक है |
Menstrual Hygiene: A Critical Aspect of Women’s Health – an article by Dr. Ruby Bansal – a Preventive
health & Infectious Diseases Expert and Joint Secretary of WOW India…
Menstrual Hygiene Day, observed annually on May 28, highlights the importance of good menstrual hygiene management at a global level. This day serves to break the silence, raise awareness, and change negative social norms surrounding menstrual health. Ensuring proper menstrual hygiene is vital not only for health and well-being but also for dignity and education.
Importance of Menstrual Hygiene
Good menstrual hygiene is crucial for several reasons:
Health: Poor menstrual hygiene can lead to infections such as urinary tract infections, reproductive tract infections, and even long-term reproductive health issues. Using clean menstrual products and maintaining genital hygiene helps prevent these health complications
Dos and Don’ts of Menstrual Hygiene
Dos
Change Menstrual Products Regularly
Do change sanitary pads every 4-6 hours, tampons every 4-8 hours, and menstrual cups every 8-12 hours (or as recommended). This helps prevent infections and odour.
Wash Hands Before and After Handling Menstrual Products.
Do wash your hands with soap and water before and after inserting or removing a tampon, pad, or menstrual cup to avoid introducing bacteria to the genital area.
Maintain Genital Hygiene.
Do wash the genital area at least once a day with water. Use a mild, unscented soap to clean the external genitalia if needed, but avoid using soap inside the vagina as it can disrupt the natural pH balance.
Use Clean and Dry Underwear
Do wear clean and dry cotton underwear to allow the genital area to breathe and stay dry. Change your underwear if it becomes damp or soiled.
Dispose of Used Menstrual Products Properly
Do wrap used sanitary pads or tampons in paper and dispose of them in a trash bin. If using a menstrual cup, empty it into the toilet and rinse it with water before reinserting.
Stay Hydrated and Maintain a Balanced Diet.
Do drink plenty of water and eat a balanced diet rich in fruits, vegetables, and iron to stay healthy and manage menstrual symptoms.
Don’ts
Don’t Use Scented Products
Don’t use scented pads, tampons, or vaginal sprays. These products can cause irritation and disrupt the natural balance of bacteria in the vagina.
Don’t Use a Single Menstrual Product for Too Long
Don’t leave a tampon, pad, or menstrual cup in place for longer than recommended, as this can lead to bacterial growth and increase the risk of infections like Toxic Shock Syndrome (TSS) for tampon users.
Don’t Douche
Don’t use harsh soaps inside the vagina. The vagina is self-cleaning, and douching can disrupt its natural balance, leading to infections.
Don’t Ignore Symptoms of Infection
Don’t ignore symptoms such as unusual discharge, foul odour, itching, or burning. If you experience any of these symptoms, consult a healthcare professional promptly.
Don’t Flush Menstrual Products
Don’t flush sanitary pads, tampons, or menstrual cup contents down the toilet. This can cause blockages and environmental pollution.
Don’t Use Menstrual Products That Have Been Stored Improperly
Don’t use pads or tampons that have been stored in damp or dirty places, as they can harbour bacteria.
By following these dos and don’ts, you can ensure better menstrual hygiene, reduce the risk of infections, and promote overall health and comfort during your menstrual cycle.
Dear friends! each year on May 25th, World Thyroid Day is observed globally to increase awareness about thyroid diseases, their symptoms, and the importance of early diagnosis and treatment. Dr. Ruby Bansal – a Preventive health & Infectious Diseases Expert and Joint Secretary of WOW India – has written this article on the subject – what are the symptoms of this disease, what are the causes of this and how to prevent it… Must read… Dr. Purnima Sharma, Sec. Gen. WOW India and editor of WOW Web…
The thyroid gland, a small butterfly-shaped organ located in the neck, plays a critical role in regulating
metabolism, energy production, and overall hormonal balance. Despite its significance, thyroid disorders often go undiagnosed, affecting millions of people worldwide.
Understanding the Thyroid
The thyroid gland produces hormones like thyroxine (T4) and triiodothyronine (T3), which regulate the body’s metabolic rate, heart function, digestive health, muscle control, brain development, and bone maintenance. When the thyroid gland malfunctions, it can lead to either hypothyroidism (underactive thyroid) or hyperthyroidism (overactive thyroid).
Hypothyroidism is characterized by insufficient production of thyroid hormones, leading to symptoms such as fatigue, weight gain, cold intolerance, depression, and slowed heart rate. In contrast, hyperthyroidism results from an excess of thyroid hormones, causing symptoms like weight loss, rapid heartbeat, anxiety, irritability, and heat intolerance.
Common Thyroid Disorders
Hashimoto’s Thyroiditis: An autoimmune disorder that is the most common cause of hypothyroidism. The body’s immune system attacks the thyroid gland, impairing its ability to produce hormones.
Graves’ Disease: Another autoimmune disorder, but this one causes hyperthyroidism. It results in the overproduction of thyroid hormones and can lead to a swelling in the neck known as a goiter.
Thyroid Nodules: These are lumps that can develop in the thyroid gland. While most nodules are benign, some can be cancerous, necessitating careful monitoring and sometimes surgical intervention.
Thyroid Cancer: Although relatively rare, thyroid cancer can occur at any age. Early detection through regular check-ups significantly improves treatment outcomes.
Importance of Awareness and Early Detection
Awareness about thyroid health is crucial because symptoms of thyroid disorders are often subtle and can be mistaken for other conditions. Regular screening and awareness can lead to early diagnosis and effective management
Get yourself tested for thyroid disorders
Test T3,T4 and TSH
If anything abnormal we used to check anti thyroid antibodies also
Ultrasound neck to see any nodule in gland
See your doctor if you have any problem
Living with Thyroid Disorders
For those diagnosed with thyroid disorders, effective management often involves medication, lifestyle adjustments, and regular monitoring. Synthetic thyroid hormones can help manage hypothyroidism, while antithyroid medications or radioactive iodine treatment can treat hyperthyroidism. Maintaining a balanced diet, managing stress, and engaging in regular physical activity also support thyroid health.
Conclusion
World Thyroid Day serves as a reminder of the critical role the thyroid gland plays in our overall health and well-being. By increasing awareness, promoting early diagnosis, and supporting those affected by thyroid conditions, we can improve outcomes and enhance the quality of life for millions around the world. This day encourages us all to pay closer attention to our thyroid health and advocate for better education and resources to combat thyroid disorders effectively.
आज वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे है, आइए जानते हैं ब्लड प्रेशर के विषय में डॉ रूबी बंसल से – जो एक Preventive health & Infectious Diseases Expert होने के साथ ही MD, Fellowship HIV Medicine (MAMC, Delhi), Observership HIV & Transplant ID (UIC, USA), Fellowship Infectious Diseases (CMC, Vellore ) और WOW India की Joint Secretary हैं… एक बार अवश्य इस लेख को पढ़ें… डॉ पूर्णिमा शर्मा, Secretary Gen. WOW India & Web Editor…
उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) क्या है?
उच्च रक्तचाप, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, एक सामान्य स्थिति है जिसमें आपकी धमनियों में रक्त का दबाव लंबे समय तक अत्यधिक बढ़ा रहता है। यह हृदय और रक्त वाहिकाओं को अधिक मेहनत करने पर मजबूर करता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
लक्षण:
उच्च रक्तचाप के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
गंभीर सिरदर्द headache
थकान या भ्रम
घबराहट
छाती में दर्द
सांस लेने में तकलीफ
धुंधली दृष्टि
मूत्र में रक्त blood in urine
कारण:
उच्च रक्तचाप के दो मुख्य प्रकार होते हैं:
प्राथमिक (एसेन्शियल) हाइपरटेंशन: इसके कारण स्पष्ट नहीं होते हैं और यह धीरे-धीरे वर्षों में विकसित होता है।
सेकेंडरी हाइपरटेंशन: यह और बीमारियों के कुप्रभाव के कारण होता है, जैसे किडनी की समस्याएं, थायरॉइड विकार, एड्रेनल ग्लैंड की बीमारियां, या कुछ दवाओं का उपयोग
जोखिम कारक: high risk causes
आयु: 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में उच्च रक्तचाप अधिक आम है।
अधिक वजन या मोटापा
शराब और तंबाकू का अधिक उपयोग
अधिक नमक का सेवन
शारीरिक गतिविधि की कमी
तनाव
इलाज:
उच्च रक्तचाप का इलाज करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डाययूरेटिक्स, बीटा-ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, और एंजियो इसके अलावा, जीवनशैली में बदलाव, जैसे स्वस्थ आहार अपनाना, नियमित व्यायाम करना, और नमक का सेवन कम करना भी महत्वपूर्ण है
निष्कर्ष:
उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्थिति है जो समय पर निदान और उचित इलाज के बिना हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है अतः जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
आज जो कुछ भी हम हैं – हमारी माताओं के स्नेह और श्रम का ही परिणाम हैं | माँ से ही हमारी जड़ें मजबूत बनी हुई हैं – ऐसी कि बड़े से बड़े आँधी तूफ़ान भी हमें अपने लक्ष्य से – अपने आदर्शों से – अपने कर्तव्यों से डिगा नहीं सकते | करुणा-विश्वास-क्षमाशीलता की उदात्त भावनाएँ माँ से ही
हमें मिली हैं | WOW India के साहित्यकृतिक मँच पर सदस्यों ने मातृ दिवस के उपलक्ष्य में कुछ रचनाएँ प्रेषित कीं | स्नेह, विश्वास, साहस और क्षमाशीलता की प्रतिमूर्ति संसार की सभी माताओं को श्रद्धापूर्वक नमन के साथ प्रस्तुत हैं वही रचनाएँ —–कात्यायनी
माँ में चन्दा की शीतलता, तो सूरज का तेज भी उसमें ।
हिमगिरि जैसी ऊँची है, तो सागर की गहराई उसमें ।।
शक्ति का भण्डार भरा है, वत्सलता की कोमलता भी ।
भला बुरा सब गर्भ समाती, भेद भाव का बोध न उसमें ।।
बरखा की रिमझिम रिमझिम बून्दों का है वह गान सुनाती ।
नेह अमित है सदा लुटाती, मोती का वरदान भी उसमें ।।
धीरज की प्रतिमा है, चट्टानों सी अडिग सदा वो रहती ।
अपनी छाती से लिपटा कर सहलाने की मृदुता उसमें ।।
मैं हूँ उसका अंश, उसी के तन मन की तो छाया हूँ मैं ।
बून्द अकिंचन को मूरत कर देने की है क्षमता उसमें ।।
धन्यभाग मेरे, अपने अमृत से उसने सींचा मुझको ।
ऋण उसका चुकता कर पाऊँ, कहाँ भला ये क्षमता मुझमें ।।
—–कात्यायनी डॉ पूर्णिमा शर्मा, दिल्ली
बहुत याद आती हो माँ तुम
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
एक बार फिर से उछाल कर
वह खुशी तुम दे दो न माँ
ऊँची उड़ान की चाह तभी से मैंने भर ली थी माँ।
अपने हाथ का सना वह कौरा जो पंचगव्य का आभास आज भी दे रहा है मुझको
एक बार वही मोहनभोग फिर से तुम खिला दो न माँ
घर के पके गाय के दूध की खुरचन की सोंधी सुगंध फिर न मिल पाई मुझे कभी
आकर एक बार फिर से भर कटोरा मुझको दे जाओ न माँ।
धूप में चलकर भी अपना पल्लू
जो मुझे उढ़ाती उसकी छाँव व सुरक्षा को मैं खोजती फिरती
वैसी सुरक्षा एकबार तो आकर फिर से तो दे जाओ माँ!
विभु से करूँ 🙏विनती मै जब भी लूँ जन्म दोबारा
माँ तुमको ही पाऊँ मैं
अपनी गोदी का मयूर सिंहासन पर फिर से मुझे लिटा तो माँ।
“बहुत याद आती हो माँ तुम”
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
—–श्रीमती रेखा अस्थाना, ग़ाज़ियाबाद
मातृदिवस का अवसर आया
मातृदिवस का अवसर आया, लिखना भावुकता ना भाया,
हमने सीधी सोच चलाया, बीस लाख मीटर तक धाया।
मॉं पर इतना लिखते पाया, मिलना उनसे सोच बिठाया,
इक विमान लेना था भाया, पुणे छोड़ दरभंगा आया।
माँ से मिला, उन्हें खुश पाया, जो पसंद खाने में आया,
हार्लिक्स भी हमने पाया, इस दिन छोटा बनना भाया।
आशीषों का मौसम पाया, दही, सेवई, मीठा खाया,
बात चीत कर दिवस बिताया, वापस फिर चलने की माया।
भावुकता का ना था साया, यात्रा का खर्चा ना भाया,
कर्म करो इतना फ़रमाया, करो तरक्की वचन सुहाया।
एक दिवस था अलग मनाया, पता नहीं क्या खोया, पाया?
दिल में कुछ तरंग सा पाया, आह्लादित हो तन, मन, काया।
स्वस्थ रहें माँ यही मनाया, हो निरोग बस माँ की काया,
वापस जाने की फिर माया, लौट के बुद्धू पुणे आया।
—–डॉ हिमांशु शेखर, पुणे
ईश्वर का उपहार है माँ
ऐ मां तेरे आंचल के तले, मैंने तो जीवन पाया है
सब भार हमारे जीवन का मां, तूने ही तो उठाया है।
आभार तुम्हारा कैसे करूं, हर तरफ तेरा ही साया है।
दुख का कभी आभास न हो,
जीवन में कोई प्यास न हो
हर कदम पे (पर) मां, तूने ही तो मेरा संबल बढ़ाया है।
ईश्वर का उपहार है मां,
ऐसा अद्भुत प्यार है मां
तुमसे ही तो घर आंगन में, खुशियों का सामां आया है।
कड़कती धूप में छांव है तू,
सुख की ऐसी नांव है तू
तेरे कारण ही तो मां, जीवन में उजाला आया है।
उदासी में मुस्कान है मां,
बच्चों की तो जान है मां
चरणों में झुकाया जब भी सर, मां का आशीष पाया है।
ऐ मां तेरे आंचल के तले, मैंने तो जीवन पाया है
सब भार हमारे जीवन का मां, तूने ही तो उठाया है
आभार तुम्हारा कैसे करूं,हर तरफ तेरा ही साया है।
—–श्रीमती रूबी शोम, ग़ाज़ियाबाद
माँ तो माँ होती है
बच्चो के मन को
एक बार देख कर ही
जान जाती है
कहाँ क्या कुछ चल रहा है
क्या छुपाया जा रहा है
क्यो
कुछ नहीं बताया जा रहा
भाँप लेती है दुख और परेशानी भी
छिपायी हुई ख़ुशी भी
तुम कितना भी छिपा लो
वो जान जाती है देख कर ही
ना मालूम उसे कैसे पता चल जाता है
जतन से छुपाया हुआ दुख
और ख़ुशी दोनों ही
इसी से तो कहा जाता है
माँ तो माँ होती है
कभी समझा कर कभी डाँट कर
तो कभी हंसी हंसी में
मन का सब कुछ उगलवा लेती है
पता भी नहीं चलता की उसने
कब जान लिया
ये सब कुछ ही
कभी माँ बन कर तो
कभी दोस्त बन कर
और कभी कभी तो लगता है
छोटे बच्चों की तरह
रूठ कर भी हमे मना लेती है
और समझा जाती है
बड़ी बड़ी सीख चुटकियों में
पता भी नहीं चलता
कब वो हमे कहाँ
ग़लत करते पकड़े लेती है
और कभी समझदारी पर खूब
ख़ुशियाँ बरसाती है
माँ ऐसी ही होती है
जब माँ होती है तो
हम कभी बड़े नहीं होना चाहते
लगता है वो हमे प्यार करे
दुलार करे
और हम उसे पकड़े रहे
लेकिन पता नहीं चलता
हम कब बड़े हो जाते है
और
ढूँढते है उन छोटी छोटी
ख़ुशियों को
हम क्यों बड़े हो जाते है
माँ
—–श्रीमती बानू बंसल, दिल्ली
सुंदर सरल सरस मुस्काती मां
सूती साड़ी बिना प्रसाधन शोभित मां
कुछ ऊँची कुछ लिपटी साड़ी
सादी चोटी में छा जाती मां
हाथों में चूड़ी, माथे पर बिंदी हरदम
पांव में बिछिया सदा सजाती मां
इत्र फुलेल न मंहगा गहना
अपनेपन की सुगंध से महकती मां
लड्डू, मठरी और गुझिया खूब बनाती
और खिलाकर खुद ही खुश हो जाती मां
स्वेटर टोपे मोजे बुनतीं
सरदी को गरमाती यां
बच्चों की पुस्तक कपड़े जूते पहले
साड़ी में फॉल लगाती मां
गुड़िया की शादी के कपड़े सिलती
छोटी पूरी, हलुआ बना बच्चों को खुश करती मां
तपे कभी बुखार से बदन जो मेरा
रात रात भर ठंडी पट्टी सर पर रखती मां
अव्वल आएं दर्जे में तो
खुशियां खूब मनाती मां
कम नम्बर पर डांट से बचाएं
हाथ फेर, आशा नई जगाती मां
लगता जैसे घर के लिए ही जीतीं
मानो सांस सांस गिरवी रख देती मां
सबको रखती हर मन्नत में
बिरवे पर रोशन दिया है मां
बिरवे पर जलता दिया है मां…
—–श्रीमती गुंजन खण्डेलवाल, बैतूल
कहो कौन माँ का दुलारा नहीं है
कहो कौन मां का दुलारा नहीं है
कि आंचल सा उसके नज़ारा नहीं है
तेरे नूर से है मेरी दुनियां रोशन
मगर तुझ सा चमके सितारा नहीं है
है मां रब का अवतार दूजा समझ ले
दुआ दी जिसे भी वो हारा नहीं है
करो माँ की सेवा न भूलो कभी तुम
ये फरमान रब का हमारा नहीं है
रुलाया जो माँ को तो रब रूठ जाए
बड़ा इससे कोई खसारा नहीं है
कज़ा लौट जाती है चौखट से मां की
बड़ा शान में उसकी नारा नहीं है
करे कोई मैला यहां मां का आंचल
ख़ुदा को कभी भी गवारा नहीं है
—–श्रीमती पूजा श्रीवास्तव, ग़ाज़ियाबाद
माँ
सह रही दर्द असीम वह औरत,
लिये आस देखने को मूरत बालक की,
चौंक पड़ती है सुन आवाज़ रोने की,
लगा सीने से नन्हें जीव को,
जाती है भूल कष्ट शारीरिक-मानसिक सभी,
पाकर संसार का सबसे खूबसूरत एहसास,
औरत से माँ बन जाने का।
भावना यही करती प्रेरित सदा,
करने को न्यौछावर समस्त अपना बालक पर।
बन प्रथम शिक्षक कराती शिक्षित सुसंस्कारों से।
लगा डुबकी हृदय के समुद्र में,
निकाल लाती राज़ छुपे सभी,
धर रूप घनिष्ठ मित्र का।
कर लेती झगड़ा भी,
करती हुई अभिनय भाई-बहन का।
है माँ सहनशील धरती समान,
तटस्थ है हिमालय की भाँति,
समुद्र की है गहराई उसमें।
बदल लेती रूप भवानी का
करने रक्षा बालक की।
है प्यार माँ का अनमोल,
अप्रतिबन्धित आकाश की भाँति।
माँ, हो तुम सृजनकर्ता मेरी,
सह कष्ट अनेक किया लालन-पालन मेरा,
उतार न पाऊँगा कभी ऋण तुम्हारा,
है कोटि कोटि नमन और धन्यवाद तुम्हें,
माँ हो तुम ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना।।
—–श्रीमती उषा गुप्ता मुम्बई
माँ की ममता
धरती भर कर दे सके स्नेह जिसकी कंचन मुस्कान मेह।
जिसकी आंखों में है दुलार जिसके आंचल में भरा प्यार।
वह और कौन हो सकता है! जिसमे ईश्वर ही दिखता है!
जो मूर्ति, मृत्तिका ममतामय आंचल की छांव, जीवन सुखमय।
मां का स्पर्श जो मिल जाए दुख, कष्ट रोग सब मिट जाए।
हर शब्द लिए आशीष खड़ा कोई विश्व में जिससे नहीं बड़ा।
जिसके आंसू में दुआएं हों कोमल पूनम सी हवाएं हों।
वह मां है, मां की ममता है संचित ईश्वर की क्षमता है।
रोना ही जानते थे हम तब दुनिया में जन्म लिया था जब।
बौछार हुई, मां की ममता बढ़ गई भाव, तन की क्षमता।
मुस्काते हुए, हंसना सीखा पहली ध्वनि में, मां शब्द दिखा।
था शून्य, अनंत दिखाया है बालक को कृष्ण बनाया है।
जो गर्भ में रख सकती है राम जिसे ईश्वर भी करते प्रणाम।
वह मां है, मां की ममता है ईश्वर की संचित क्षमता है।
—–श्री प्राणेंद्र नाथ मिश्र, कोलकाता
भरी – भरी सी रहती माँ।
सबकी सुनती , मन में गुनती
फिर बातों को मथती माँ।।
उसके होने से घर, घर है
है आँगन की तुलसी वो,
आँचल की देती है छैया
किन्तु धूप में झुलसी वो,
है वो निराली, सबकी प्यारी
संस्कारों को मढ़ती माँ।।
गौरैया सी उड़ने वाली
बँध जाती जब बंधन में,
मेंहदी और महावर रच कर
बजती चूड़ी- कंगन में,
ओढ़ लहरिया सिर पर अपने
घूँघट में हाँ हँसती माँ।।
प्रथम-प्रथम माँ बनने पर मुख
दीपक -सा दीपित होता,
नन्हा -सा इस पुष्प सुगंधित
उसके संग में जब सोता,
रूप बदल जाता है उसका
बन कर ममता बहती माँ।।
बन के माता, सृष्टि विधाता
ईश्वर -सा सौंदर्य लिए ,
बल, बुधि, विद्या सबकुछ देती
और बीजती प्रेम प्रिये,
ज्ञान-चक्षु भी वही खोलती
गुरु बन कर ही गढ़ती माँ।।
—–डॉ रमा सिंह,ग़ाज़ियाबाद
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मां की परिभाषा
कितना बेहतरीन मौका है आज पाया मैंने
उसे मां की अहमियत की दास्तान सुनाने
जादुई तिलिस्म था प्यारी सी मां का आंचल
ममता और दुआ से भरा था उसके मन का बादल।
वह कलम कहां से लाऊं जो लिख दे मां की परिभाषा
उसके जिस्म का ही तो हूं मै एक टुकड़ा
नौ महीने कष्टों को भोगा उसने, मुझे जनने की थी आशा।
मां स्वयं होती है वह ईश्वर की प्रथम रचना
है वो खुदा की जन्नत का एक खूबसूरत फूल
महकता है जिससे संसार रूपी बागबान का कोना-कोना
ऐसा रूप सलोना मेरी मां का कैसे जाऊं मैं भूल।
अक्सर याद आती है उसके आंचल की शीतल छाया
गुंजा आज जब सुबह शंख मंदिर की आरती में
अपनी मां की याद में एक गीत मुझको याद आया
मां के लिए लिखने का बेहतरीन मौका है आज मैंने पाया।
—–श्रेमाटी मधु रुस्तगी, दिल्ली
जब से माँ तू दूर हुई
अब जब से मां तू दूर हुई
अपने भी मुझसे दूर हुए
छा गया अंधेरा जीवन में
सपने भी चकनाचूर हुए l
जो सम्बल तुमसे मिला मुझे
लगता है वह भी छूट गया
नाता जो अपनेपन का था
लगता है वह भी टूट गया l
मैं तेरे आंगन की तुलसी
मुझसे अपने अब दूर हुए
छा गया अंधेरा जीवन में
सपने भी चकनाचूर हुए l
तुम से ही खुशियां थीं सारी
अब किससे मन की बात करूं
चेहरे का नूर हुआ धूमिल
जाहिर कैसे जज्बात करूं l
इस दुनिया के भी तो मुझ पर
मां वार कई भरपूर हुए
छा गया अंधेरा जीवन में
सपने भी चकनाचूर हुए l
अब जब से मां तू दूर हुई
अपने भी मुझसे दूर हुए
छा गया अंधेरा जीवन में
सपने भी चकनाचूर हुए l
—–सुश्री संगीता अहलावत, बुलन्दशहर
माँ को अच्छा लगेगा
मातृदिवस आया
फिर एक बार,
सबने हृदय से याद किया
माँ का प्यार!
कहीं माँ को सामने देख अंग अंग में भर गई उमंग,
कहीं लगा माँ बिन कितने फीके हो जाते हैं जीवन के सभी रंग !
हम बचपन को पीछे छोड़ ,
कुलाचें मारते,
हो जाते हैं युवा,
पर माँ
जो बिना थके घूमती रहती थी
पूरे घर में बन कर हवा,
धीरे धीरे सिमट जाती है
अपने ही किसी कोने में ।
निहारती रहती है,
हमारा आ कर जाना
और जा कर आना !
हमारी धुंआधार जिन्दगी को भी तो
उसी कोने में होता है ऐसा एहसास,
कि आई हो जैसे, चैन की श्वास!
फिर माँ अचानक बिछड़ जाती है,
सन्न रह जाते हैं हम
और सबसे छिप कर
फूट फूट कर रोते हैं,
हाँ, ऐसे रुआँसे पल सभी की जिन्दगी में होते हैं !
मैं भी रोई थी ऐसे ही,
कई दिन, कई रात,
बार बार इच्छा हुई
माँ मिल जाए बस एक बार,
मुझे बाहों में भर ले
बस एक बार!
और फिर
सहसा, जागा एक नया आभास …
मैं माँ को नहीं देख सकती
कयोंकि अब माँ नहीं है ,
यही सत्य है,
प्रमाणित सत्य
कठोर सत्य ,
और मुझे इसे स्वीकार करना ही है;
पर क्या, माँ भी मुझे नहीं देख पाती?
क्या यह भी सत्य है?
प्रमाणित सत्य?
नहीं ,
कोई प्रमाण नहीं है इसका
ना मेरे पास, ना किसी और के पास !
तो शायद
वह मुझे देख पाती हो!
यदि देखती होगी
तो कैसे सहती होगी
मेरी उन आंखो में ,आँसुओ की धार,
जिन्हे उसने कभी ना होने दिया नम?
वह तो देखना चाहती थी
मुझे मुस्कुराते हुए हरदम!
तो फिर क्यू ना उठ कर पोंछ लूं आँसु ,
श्रृंगार करूँ
तन का, मन का, जीवन का,
और धरूँ हूबहू वैसा रूप,
जैसा चाहती थी माँ !
माँ की खुशी के लिए
इतना तो कर ही सकती हूँ ना मैं,
और आप भी,
माँ को अच्छा लगेगा!
—–डॉ नीलम वर्मा, दिल्ली
एक भावांजलि 🌹 🙏 🌹….. माँ को 🌹🙏🌹
माँ तो माँ ही है , उसे कौन कहाँ है कह पाया ,
अपने जीवन का,वो प्रथम प्रेम न समझ पाया।
निष्कपट,निस्वार्थ, आलस्यरहित निशि दिन ही,
माँ को हर समय सजग ही मैंने निकट ही पाया ।।
माँ के मातृत्व को कह पाना भी असम्भव ही है,
और यादों को भुला सकना भी असम्भव ही है ।
माँ से पिटने पर,उसी की गोद में सिमटना मेरा ,
क्या वो अनुभूति थी,कह पाना असम्भव ही है।।
उम्र पचपन की थी मेरी, फिर भी बचपन की तरह,
थक के घर आने पर माँ के सिर दबाने, सहलाने से,
सुखद, मृदुल ,अलौकिक परिसंचरण था ऊर्जा का,
क्षणिक दुलार की विलक्षणता, कहना बहुत असम्भव है।
माँ तेरा कोई एक ‘दिवस’ भर नहीं हो सकता ,
मेरे जीवन का क्षण बिन तेरे नहीं हो सकता ।
भले ही लोक देवताओं के में तुम बैठी हो ,
तेरे आशीष बिना मैं कभी नहीं जी सकता ।।
—–श्री प्रभात शर्मा, ग़ाज़ियाबाद
An article by Dr Deepika Kohli – a well-known Dietitian/Nutritionist in Mayur Vihar Ph-I, Delhi and has an experience of 26 years in this field. Ms. Deepika Kohli practices at Deepika’s Diet Clinic in Mayur Vihar Ph-I, Delhi, Jeevan Anmol Hospital in Mayur Vihar Ph-I, Delhi and Life Care Centre in Preet Vihar, Delhi. She is a Certified Diabetes Educator ) from Pfizer in 2011. She is a member of Indian Dietetic Association. Some of the services provided by the doctor are: Diabetic diet, PCOD Diet, Weight Gain Diet Counselling, Therapeutic Diet’s and Weight Loss Diet Counselling etc. Must read… Dr. Purnima Sharma – Sec. Gen. WOW India & Editor of WOW Website…
* *Understanding Polycystic Ovary Syndrome
(PCOS): Symptoms and Dietary Management* *
Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) is a hormonal disorder that affects people with ovaries, typically during
their reproductive years. PCOS is characterized by an imbalance of reproductive hormones, which can lead to a
variety of symptoms and potential complications. While the exact cause of PCOS is not fully understood, factors such as genetics, insulin resistance, and inflammation are believed to play a role in its development.
PCOS is a complex condition that involves a combination of hormonal imbalances, metabolic disturbances, and reproductive issues. One of the hallmarks of PCOS is the presence of small fluid-filled sacs (cysts) on the ovaries, which can interfere with normal ovulation and menstrual cycles.
* *Symptoms of PCOS in Young Girls* *
PCOS can present differently in individuals, but common symptoms in young girls may include:
* *Irregular Menstrual Cycles**: Girls with PCOS may experience irregular periods or may go for long stretches without menstruating.
* *Excessive Hair Growth (Hirsutism)**: PCOS can cause increased hair growth on the face, chest, back, or other areas of the body due to elevated levels of androgens (male hormones).
* *Acne**: Hormonal imbalances associated with PCOS can lead to acne breakouts, particularly along the jawline and chin.
** Weight Gain**: Many girls with PCOS struggle with weight management, as insulin resistance and hormonal imbalances can contribute to weight gain, especially around the abdomen.
* *Dietary Management for PCOS**
Diet plays a crucial role in managing PCOS symptoms and promoting overall health. A wellbalanced diet can help regulate blood sugar levels, reduce insulin resistance, manage weight, and improve hormonal balance. Here’s a detailed look at dietary recommendations for individuals with PCOS:
* *Emphasize Whole Foods**: Focus on whole, minimally processed foods such as fruits, vegetables, whole grains, lean proteins, and healthy fats. These foods provide essential nutrients and fiber while minimizing added sugars and refined carbohydrates.
* *Choose Low-Glycemic Index (Gl)
Carbohydrates**: Opt for carbohydrates that have a low glycemic index, which means they cause a slower and more gradual increase in blood sugar levels. Examples include whole grains (e.g., quinoa, barley), legumes, fruits, and non-starchy vegetables.
* *Balance Macronutrients**: Aim for a balanced intake of macronutrients, including carbohydrates, proteins, and fats, to help stabilize blood sugar levels and promote satiety. Include lean proteins such as poultry, fish, tofu, and legumes in your meals.
* *Healthy Fats**: Incorporate healthy fats such as avocados, nuts, seeds, and olive oil into your diet. These fats can help improve insulin sensitivity and reduce inflammation.
* *Limit Added Sugars and Refined
Carbohydrates**: Minimize consumption of foods and beverages high in added sugars, refined carbohydrates, and processed foods. These foods can cause spikes in blood sugar levels and exacerbate insulin resistance.
* *Moderate Dairy Intake**: Some research suggests that high dairy intake may worsen PCOS symptoms due to its potential impact on insulin levels and hormonal balance. Choose dairy products in moderation and opt for low-fat or non-dairy alternatives if needed.
* *Stay Hydrated**: Drink plenty of water throughout the day to stay hydrated and support overall health.
* *Manage Portions**: Pay attention to portion sizes to avoid overeating, which can contribute to weight gain and insulin resistance.
In conclusion, PCOS is a complex hormonal disorder that can present with a variety of symptoms in young girls. Dietary management plays a crucial role in managing PCOS symptoms and promoting overall health. By emphasizing whole foods, choosing low-glycemic index carbohydrates, balancing macronutrients, and limiting added sugars and refined carbohydrates, individuals with PCOS can support hormone balance, regulate blood sugar levels, and improve their overall quality of life. Consulting with a healthcare provider or registered dietitian can provide personalized guidance and support for managing PCOS through diet and lifestyle modifications.
Dear friends! Yesterday was the International Liver Day… that’s why Dr. Ruby Bansal – a Preventive health & Infectious Diseases Expert and Joint Secretary of WOW India – sent this article about some Simple Strategies for Liver Health Adult… Must read… Dr. Purnima Sharma, Sec. Gen. of WOW India and Editor of WOW Web…
Keeping Your Liver Happy: Simple Strategies for Liver Health
The liver is one of the most vital organs in the body, responsible for a multitude of functions essential for
our well-being. From filtering toxins and metabolizing nutrients to producing bile for digestion, its role is paramount. However, our modern lifestyles often put undue stress on this hardworking organ. By adopting some simple lifestyle changes, you can ensure your liver stays healthy and happy for years to come.
What to do to keep liver happy n healthy
Balanced Diet: A well-balanced diet is crucial for liver health. Focus on incorporating plenty of fruits, vegetables, whole grains, and lean proteins into your meals. Limit your intake of processed foods, saturated fats, and added sugars, as these can burden the liver and contribute to fatty liver disease.
Hydration:
Proper hydration is key to supporting liver function. Aim to drink plenty of water throughout the day to help flush toxins from your system. Herbal teas and infused water can also be excellent choices to keep you hydrated while providing additional health benefits.
Limit Alcohol Consumption:
Excessive alcohol consumption can wreak havoc on the liver, leading to conditions like alcoholic fatty liver disease, hepatitis, and cirrhosis. If you choose to drink, do so in moderation. For optimal liver health, it’s recommended that men limit alcohol intake to no more than two drinks per day, and women to one drink per day.
Exercise Regularly: Regular physical activity not only helps maintain a healthy weight but also supports liver function. Aim for at least 30 minutes of moderate-intensity exercise most days of the week. Activities like brisk walking, swimming, or cycling are great options to get your heart pumping and your liver happy.
Quit Smoking:
Smoking is not only harmful to your lungs but also to your liver. The toxic chemicals in cigarette smoke can impair liver function and increase the risk of liver disease. If you smoke, quitting is one of the best things you can do for your overall health and the health of your liver.
Practice Safe Sex:
Certain viruses, such as hepatitis B and C, can be transmitted through unprotected sexual activity and can cause serious liver damage. Protect yourself and your partner by practicing safe sex and getting tested regularly for sexually transmitted infections.
Manage Stress: Chronic stress can take a toll on the liver and contribute to inflammation and liver disease. Incorporate stress-reducing activities into your daily routine, such as meditation, deep breathing exercises, yoga, or spending time in nature.
Get Regular Check-ups:
Regular visits to your healthcare provider are essential for monitoring your liver health. Blood tests can detect liver enzyme levels and other markers of liver function, allowing for early detection and intervention if necessary.
Conclusion:
By adopting these simple strategies, you can support optimal liver health and reduce your risk of liver disease. Remember that small changes can make a big difference over time. Take care of your liver, and it will take care of you for years to come.