A tribute to Veteran Singer Lata Mangeshkar
from some of our Friends
अभी कल ही की तो बात है जब WOW India और साहित्य मुग्धा दर्पण द्वारा आयोजित वसन्तोत्सव में WOW India की अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी ने लता जी का फिल्म “स्वप्न सुन्दरी” के लिया गाया कोयल के जैसा मधुर गीत “कुहू कुहू बोले कोयलिया” गाकर सुनाया था और हम सबने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी… लेकिन ऐसा सम्भव न हो सका और लगभग एक महीने का जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष – और अन्त में विजय मृत्यु की हुई – जीवन हार गया – आज सुबह ही समाचार मिला कि लगभग एक महीने तक स्वास्थ्य लाभ के लिए संघर्ष कर रही स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी परम धाम को प्रस्थान कर गई हैं… वास्तव में सभी की आँखें नम हैं इस समाचार से… ऐसा लगता है जैसे भारत की आवाज़ ही कहीं गुम हो गई है… आजीवन स्वर की साधना में लीन रही लता मंगेशकर जी का निधन वास्तव में देश की कला और संस्कृति के लिए एक अपूरणीय क्षति है… किन्तु ये भी सत्य है कि ऐसी महान आत्माएँ कभी मरती नहीं… लता जी अपने स्वरों के माध्यम से सदा जीवित रहेंगी… नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरी आवाज़ ही पहचान है… ऐसे ही कला के साधकों के लिए लिखा गया है… वास्तव में समझ नहीं आ रहा कि माँ सरस्वती के प्रादुर्भाव के दूसरे दिन ही वाग्देवी की वरद पुत्री लता मंगेशकर जी के पार्थिव का पञ्चतत्व में विलीन हो जाना मात्र एक संयोग कहें या क्या कहें…? अश्रुपूरित नेत्रों से विदा देते हुए हमारे कुछ साथियों ने श्रद्धा सुमन समर्पित किये हैं दिवंगत आत्मा के प्रति…
सरस्वती विसर्जन वाले दिन ही आज की सरस्वती का निधन एक संयोग मात्र है या कोई ईश्वरीय तय घटना..🙏… सरिता रस्तोगी
Veteran Lata ji passed away on such an auspicious day of maà Saraswati s visarjan… RIP🙏🏻🙏🏻How symbolic… she was maà Saraswati ji herself…. सुनन्दा श्रीवास्तव
थम गई गीत की सुर सरिता
लय टूट गई, गति हुई मन्द
छन्दों का मान करें अब क्या
हो गया बन्द हर पद्यबन्ध
माँ वाणी की वीणा निस्तब्ध
सूनी है गोद भारती की
कोकिला सदा के लिए सुप्त
कैसी आई ये ऋतु वसन्त
पर सदा प्रवाहित वह धारा
निःसृत जो कण्ठ से थी उसके
और सदा करेगा मान जगत
उस सरगम को जो हुई रुद्ध
माँ वाणी की मानस पुत्री कोकिलकण्ठी स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर जी को अश्रुपूर्ण भावभीनी श्रद्धांजलि…. डॉ पूर्णिमा शर्मा
माँ सरस्वती का पूजन कल, आज लता जी कर गई विकल।
स्वर कोकिला भी गईं निकल, श्रद्धा में नत हो खड़े सकल।
आँख में नीर भी भर लेना, वतन के लोगों ठहर लेना।
सुर साम्राज्ञी थी भर लेना, याद को उनकी लहर देना।
भारत रत्न वही पुरस्कार, शोभा उनसे मिलती अपार।
वो भी उनको रहता निहार, स्वर, गीत, ताल का कर विचार।
श्रद्धा से अर्पण करे फूल, सुर सागर की बनी मस्तूल।
संगीत के वन की शार्दूल, वो अमर गीत दे बनीं धूल।
करबद्ध हुए, दिल आहत है, शान्त ईश्वर करे, चाहत है।
दुख है पर नहीं मसाहत है, वो गीत बचे ये राहत है।
आँखों से बहा हर काजल है, सुर पर अब छाया बादल है।
शेखर दुख ये दावानल है, ये अश्रुपूर्ण श्रद्धा जल है।
डॉ हिमांशु शेखर, पुणे
लता ताई संगीत की पहचान थी
वह तो वाणी वीणा की प्राण थी
पीढ़ी दर पीढ़ी का मधुर गान थी
हर ह्रदय बसी स्वर लहरी तान थी
उनकी आवाज देश की पहचान थी
भोर की पहली किरण जिस स्वर से हमे जागती थी
दोपहर की धूप जिनकी तान से शीतलता बांट जाती थी
जिसके सतरंगी गीतों से सज के सांझ उतर आती थी
जिनकी मीठी लोरियों से अखियों में नींद पसर जाती थी
थकी देह जिनके गीतों को सुनके सुकून से सुस्ताती थी
थम गई मधुर आवाज जो हर मन उमंग जगाती थी
सर्द रातों में जिनके गीतों से गरमाहट सी आ जाती थी
रिमझिम बारिश को जो आवाज ख़ुशगवार बना जाती थी
वो प्यार का तराना वो माँ की लोरी के गीतों की थाती थी
वो देश को समर्पित वो भाई बहन के रिश्तों को जगाती थी
अर्चना आरती वो संदेशो के गीतों से मन मे उतर जाती थी
जिनकी स्वर लहरी बुझते रिश्तों मे भी उम्र बढ़ाती थी
जिनके गीत उम्र के आखरी पड़ाव को जवां बना जाती थी
थम गई वह आवाज जो हर उम्र उमंग जगाती थी
नीरज सक्सेना, ग़ाज़ियाबाद
शारदा विसर्जन का दिन है
संग चली गईं, सुर साम्राज्ञी,
चिन्मयी कोकिला कंठ दिव्य
मृणमयी माते की अनुरागी।
तुम कितना भी दूर रहो,
दीदी! न तुम्हें हम भूलेंगे
जब भी गूंजेंगे तुम्हारे स्वर
हम नमन तुम्हें कर छू लेंगे।
🙏भावभीनी श्रद्धांजलि🙏
पी एन मिश्रा, कोलकाता
अपूर्णीय क्षति, हमारे देश की कोकिला कंठी का जाना हृदय शोक से भर गया। अत्यंत दुखद ,उनकी कमी कोई नहीं पूरी कर पाएगा , परन्तु उनकी आवाज अजर,अमर रहेगी। ईश्वर उनकी आत्मा को श्री चरणों में स्थान दें।🙏
ॐ शांति 🙏नूतन शर्मा, दिल्ली