Education is birth right of every child
कल WOW India के पटल पर जागरूकता के विषय में कुछ लिखा जाना था | इस अवसर पर संस्था की Senior Vice President श्रीमती बानू बंसल ने एक कहानी लिखी, अच्छी लगी इसलिए आप सबके पढ़ने के लिए यहाँ पोस्ट कर रहे हैं… डॉ पूर्णिमा शर्मा
जागरूकता – शिक्षा हर बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार है
स्नेहा पार्क में है | उसका रोज़ का शाम का समय पार्क में बीतता है | आज मौसम कुछ अच्छा है | कई दिन से बहुत गर्मी थी लेकिन आज दिन में दो घंटे बारिश हो जाने से अब अच्छा लग रहा था |
उनकी मित्र मंडली अभी नहीं आयी थी | कुछ बच्चे खेल रहे थे | पास से जाने वाले बच्चे हो या बड़े, उनको नमस्ते करते हुए जाते |
पास की झुग्गी बस्ती के बच्चों को पढ़ाती और क्राफ्ट सिखाती थी | आने वाले सब उनको पहचानते थे |
जब वो अपने बेटा बहू के पास रहने आयी तो नये माहौल में उनका मन नहीं लग रहा था तो उनकी बहु शाम को उनको पार्क ले कर आयी और उनका परिचय वहाँ आने वाली महिलाओं से करवा दिया | धीरे धीरे वह उनसे परिचित हो गई थी |
उनके मन में विचार आया की पास की बस्ती के बच्चों के लिये काम करना चाहिए, और वो शाम के समय उन बच्चों को पढ़ना लिखना और क्राफ्ट सिखाने लगी | समय समय पर हेल्थ चेकअप कैम्प भी करवाती थी | उनकी महिला मित्र भी बढ़ चढ़ कर कार्य करती | बच्चे भी बड़ी संख्या में आने लगे थे | अब वह उनको सफ़ाई का महत्व भी बताती |
अब उनको लगने लगा था की बच्चों को अब स्कूल की आवश्यकता है और अब वो स्कूल के लिए प्रयत्न करने लगी |
अपने क्षेत्र के विधायक और मंत्री जी से मिल कर बच्चों के भविष्य के लिए कार्य करने लगी | समय लगा लेकिन सफलता मिली और स्कूल का शुभारंभ हो गया |
बच्चों के लिए देखा उनकी आँखों का सपना साकार हो गया | क्योंकि शिक्षा हर बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार है |
समाज को जागरूक करने के लिए इस प्रकार के सपने देखना और उनके प्रति स्वयं भी जागरूक होना आवश्यक है |
—–बानू बंसल