Humour – Backbiting
आओ ज़रा सा हँस भी लें
हास्य रस – निंदा रस – रेखा अस्थाना
जी हाँ निंदा रस… बहुत परिश्रम से किसी किसी के पास ही होता है, पर सौभाग्य स्त्री को इसका मिलता है | पुरुष क्या जाने इसका स्वाद ? स्त्रियाँ जब इस रस की वार्ता में व्यस्त हो जाती हैं उनका हृदय आनंद से सराबोर हो जाता है | अपना ध्यान सारा का सारा बोझिल कर्तव्यों से हटाकर बस निंदा रस के आनंद में मगन हो श्वेत पंख सी हल्की हो आकाश में विचरण करने लगती हैं | अंतर की सारी बेकार की बातें निकाल फेंकती हैं | चाहे वह सास, नन्द या पड़ोसी जो भी हो जिसको स्त्रियाँ पसन्द नहीं करती बस अपनी सखी से उसकी निंदा करना शुरू देती हैं | सच मानिए, तब उनका चेहरा कमल की तरह खिल उठता है 😊
अरे जनाब आप पुरुषों में ये गुण कहाँ जो हम स्त्रियों में है |
अब बोलो हमें इसी कारण हार्ट अटैक की संभावना भी कम होती है | जब हमारे पास निंदा रस है तो हम क्यों सेवन करें बीटरूट जूस, एलोवेरा जूस 😊
हम तो बस एक दो टे टहलते हुए या जैसा भी माहौल हो जी भर के निंदा रस में मशगूल हो उसका सेवन करने और कराने में लग जाते हैं और बिल्कुल तरोताजा हो घर पर आराम से काम करते हैं | खर्राटे मार कर सोते हैं | अरे ये तो ईश्वर के द्वारा दिया हुआ गुण है हमें, तो क्यों न इसका उपयोग कर स्वस्थ रहें हम 😊
और ये सब तो नीतिपरक स्लोगन पुरुष ही अपने ऊपर लागू करें | ठीक कहा न हमने 😊
जय राम जी की… रेखा अस्थाना…